नई दिल्ली, जुलाई 2 -- भारत को यदि 2047 तक विकसित राष्ट्र बनना है, तो उसे अपनी मानव संसाधन क्षमता को न केवल भविष्य की नौकरियों के लिए, बल्कि आजीवन सीखने की संस्कृति के लिए तैयार करना होगा। यह विचार नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) द्वारा आयोजित 30वें प्रो. जी. राम रेड्डी स्मृति व्याख्यान में व्यक्त किए। इस वर्ष स्मृति व्याख्यान का विषय भविष्य के लिए तैयार कार्यबल का निर्माण: शिक्षा, कौशल और डिजिटल परिवर्तन था। सुमन बेरी ने अपने संबोधन में कहा कि डिजिटल परिवर्तन और तकनीकी बदलावों से प्रभावित कार्य संसार में भारत के सामने यह चुनौती है कि वह युवाओं, महिलाओं और अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों को समावेशी और टिकाऊ कौशल प्रणाली के जरिए सशक्त बनाए। सुमन बेरी ने कहा कि भारत की नीति प्राथमिकताओं मे...
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