नई दिल्ली, अप्रैल 26 -- 'पहलगाम में हमला सिर्फ निहत्थे पर्यटकों पर नहीं, देश के दुश्मनों ने भारत की आत्मा पर हमला करने का दुस्साहस किया है। मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं कि जिन्होंने यह हमला किया है, उन आतंकियों और साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी। 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति अब आतंक के आकाओं की कमर तोड़कर रहेगी।' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब ये शब्द मधुबनी की धरती पर बोल रहे थे, तब उनके चेहरे पर गुस्से की गहन छाया साफ देखी जा सकती थी। यह पहला मौका था, जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक सभा में ऐसे कठोर शब्द बोले। ये ताकतवर वाक्य उन लोगों के जख्मों पर मरहम की तरह थे, जिन्होंने अपने घर के लोग खोए हैं। ये अल्फाज आहत देशवासियों को भी भरोसा दिला रहे थे कि हम सिर्फ कूटनीतिक कार्रवाई तक नहीं रुकेंगे। मोद...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.