भरत धर्म के प्रतिबिंब: मुकुल जी
गिरडीह, मार्च 18 -- गांडेय, प्रतिनिधि। प्रखंड के बरमसिया 2 पंचायत के चौरा गांव में नौ दिवसीय यज्ञ के क्रम में शनिवार रात प्रवचन के क्रम में वृंदावन से पहुंचे प्रवचनकर्ता मुकुल जी ने रामायण के भरत चरित्र और हनुमान जी की राम के प्रति भक्ति का विस्तृत वर्णन किया। मुकुल जी ने कहा कि रामायण में भरत ने अपने बड़े भाई के लिए अयोध्या जैसे बड़े साम्राज्य का त्याग कर दिया। वे नंगे पांव अपने भाई को जंगल से वापस लाने चित्रकूट पहुंचे। भरत ने 14 वर्षों तक राम जी खड़ाव की पूजा करते हुए राज्य को चलाया था। बता दें कि चौरा गांव में दिन को यज्ञाचार्य सुबोध उपाध्याय, पंकज मिश्रा, नरेश मिश्रा आदि पुरोहितों के द्वारा विधि-विधान से वेदी की पूजा अर्चना की जाती है जबकि दोपहर दो बजे से संगीतमय रामायण का पाठ किया जाता है। यज्ञ कमेटी के अध्यक्ष मिथलेश वर्मा ने कहा कि...
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