मैनपुरी, जनवरी 30 -- ग्राम खिदरपुर में आयोजित रामकथा के दूसरे दिन कथाव्यास मृदुला रामायणी ने कहा कि मनुष्य को उसके कर्तव्यों का बोध रामकथा करवाती है। रामजी के चरित्र का वर्णन सुनकर जो प्राणी उनके आदर्शों पर चलता है, उसका इस संसार में कल्याण हो जाता है। श्रीराम कथा विश्व कल्याणदायिनी है, लोक मंगलकारी है। प्रभु श्रीराम का आचरण एवं व्यवहार अपनाने से जीवन आनंदमय हो जाता है। ज्ञानजी शुक्ला ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास ने श्रीराम कथा के माध्यम से मानव जीवन संबंधों की महत्ता स्थापित की है। यही वजह है कि श्रीरामचरित मानस में गुरु, माता-पिता, पुत्र-पुत्री, भाई, मित्र, पति-पत्नी आदि का कर्तव्य बोध एवं सदाचरण की सीख हमें सर्वत्र मिलती है। तुलसीदास ने रामचरितमानस में श्रद्धा को भवानी और विश्वास को शंकर का प्रतिरूप मानते हुए दोनों की समवेत वंदना की है।...
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