बागपत, अगस्त 5 -- बरनावा के श्री चंद्रप्रभ दिगंबर जैन मंदिर में चल रहे 41 दिवसीय शांतिनाथ विधान के दूसरे दिन मंगलवार को श्रद्धालुओं ने भक्तिभाव के साथ 120 अध्र्य समर्पित कर भगवान चंद्रप्रभू की पूजा अर्चना की। विधान में पंडित प्रदीप जोशी ने कहा की शांतिनाथ विधान हमें आराधना व आत्मिक गुणों का दर्शन करता हैं। जिस शरीर को लोग सुंदर समझते हैं, मृत्यु के बाद उस शरीर से मोह क्यों नही रहता। उसे क्यों जला देते हैं। उन्होंने कहा कि मानव रूपी शरीर के भीतर बस रक्त, रोग, मल, कचरा भरा पड़ा है। शांतिनाथ विधान में बैठकर सच्चे मन से आराधना करने से मनुष्य के अंदर सुंदर विचार उत्पन्न होंगे, आत्मिक सुख शांति मिलेगी। विधान में जीवंधर जैन, हंस कुमार जैन, संदीप जैन, प्रवीण जैन, सुनीता जैन, सरिता जैन, पिंकी जैन आदि उपस्थित रहे।

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