इटावा औरैया, नवम्बर 19 -- इटावा। शहर के प्रदर्शनी पंडाल में सेवा भारती के सेवा कार्यों के सहायतार्थ हो रही श्रीराम कथा के द्वितीय दिवस के प्रसंग में आचार्य शांतनु महाराज ने कहा कि इस धरा धाम पर जब जब असुरों के अत्याचार बढ़ते हैं, तब तब प्रभु अवतार लेकर भक्तों को उनके संताप से मुक्त करते हैं। भगवान की सगुन लीलाओं को भक्ति व विश्वास से सुनना चाहिए। उनकी लीलाओं में कोई भी दोष नहीं है। इसमें तर्क का कोई स्थान नही है।"राम अतर्क्य बुद्धि बर बानी"। राम तर्क से बिल्कुल परे हैं। भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव की कथा के क्रम में पूज्य श्री ने प्रभु के जन्म के अनेक कारणों को सुनाया और कहा कि भगवान की ये घोषणा है कि जो भी भक्त सब कुछ त्याग कर उनका भजन करते है प्रभु उनकी रक्षा उसी प्रकार करते है जैसे मां अपने बच्चे की रक्षा करती है। मनु एवं शतरूपा जी के प्...