मैनपुरी, जुलाई 21 -- नगर के प्राचीन भीमसेन मंदिर में श्रावण मास महोत्सव के तहत श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन चल रहा है। कथा के तृतीय दिवस आचार्य डॉ़ पंकज मिश्रा मयंक ने कहा कि संतों की शरण में आने से जीवन का कल्याण निश्चित होता है। पाप जानबूझकर किया गया हो, अनजाने में उसका फल भोगना ही पड़ता है। आचार्य ने कहा कि भगवान के नाम का जप करने मात्र से मनुष्य के पाप नष्ट हो जाते हैं और मनुष्य के जीवन में सुख-समृद्धि का वास होने लगता है। यदि अनजाने में भी भगवान का नाम लिया गया है तो उनका फल भी मिलता निश्चित है। भगवान का स्मरण अमृत के समान होता है। उन्होंने अजामिल प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि संतों की कृपा और भगवान का नाम जपने से अजामिल जैसे पापी का चरित्र भी अमर हो गया।

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