कानपुर, दिसम्बर 21 -- कानपुर देहात। अकबरपुर क्षेत्र के मंसुरा गांव में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के तीसरे दिन कथा में आचार्य संतोष भाईजी ने कहाकि भक्त के मन में भगवान बसते हैं। उन्होंने पांडवों के लिये भगवान कृष्ण के दूत बनकर दुर्योधन के पास जाने की कथा बताते हुये कहाकि विदुर की पत्नी के मन में अभिलाषा थी कि एक बार वह भगवान को भोग लगा सकें। भगवान भक्त के अर्न्तमन में बसते हैं। प्रभु श्रीकृष्ण दुर्योंधन के महल के 56 भोग छोड़कर विुदर की कुटी में केले के छिलके खाने पहुंच गये। कथा आचार्य ने कहाकि व्यक्ति को कोई ऐसा आचरण नहीं करना चाहिये जिससे किसी की आत्मा को कष्ट मिले, क्योंकि आत्मा से निकला हुआ शॉप बहुत ही प्रभावी होता है। इसलिये हर दिन लोक मंगल की भावना से रहना चाहिये। उन्होंने कहाकि संसार में रहकर भी यदि आप खुद को भगवान को समर्पित करते हैं त...
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