सहारनपुर, जुलाई 12 -- देवबंद श्री दिगंबर जैन पारसनाथ मंदिर सरागवाड़ा में शुक्रवार से 48 दिवसीय भक्तामर महामंडल विधान पूजन का आयोजन प्रारंभ हुआ। इस दौरान जैन आचार्य अरुण सागर महाराज ने भक्तों के साथ 48 श्लोक का पाठ कर जैन धर्म के संस्थापक तीर्थंकर आदिनाथ भगवान (ऋषभ देव) की विधि विधान से स्तुति की। आचार्य अरुण सागर महाराज ने बताया कि जैन धर्म के आचार्य मानतुंग देव का भगवान आदिनाथ से गहरा संबंध है। उन्होंने भगवान आदिनाथ की स्तुति में श्री भक्तामर स्तोत्र की रचना तब की थी जब वे राजा भोज के कारागार में बंद थे। उन्होंने भगवान आदिनाथ की स्तुति में 48 श्लोक की रचना की थी। उसके प्रभाव से उनकी हथकड़ी और बेड़ियां खुल गई और वे कारागार से मुक्त हो गए। आचार्य अरुण सागर महाराज ने बताया कि भक्तामर स्तोत्र भगवान आदिनाथ की महिमा और गुणों का वर्णन करता है। पह...