नई दिल्ली, नवम्बर 20 -- नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। नेशनल सेंटर फॉर प्रमोशन ऑफ एम्प्लॉयमेंट फॉर डिसेबल्ड पीपल (एनसीपीईडीपी) ने गुरुवार को श्वेतपत्र जारी कर चौंकाने वाला खुलासा किया। एनसीपीईडीपी के मुताबिक, देश में करीब 80 फीसदी दिव्यांगजन (लगभग 16 करोड़ लोग) के पास कोई स्वास्थ्य बीमा नहीं है। वर्ष 2023-25 के बीच 34 राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों में पांच हजार से अधिक दिव्यांगों पर यह सर्वे किया गया। इसमें पाया गया कि 53 प्रतिशत आवेदकों का बीमा बिना कारण बताए खारिज कर दिया जाता है। रिपोर्ट में कहा गया कि दिव्यांगता को 'पूर्व-स्थित बीमारी' मानकर निजी कंपनियां ऑटिज्म, मनोसामाजिक विकलांगता, बौद्धिक दिव्यांगता और थैलेसीमिया जैसे मामलों में सीधे मना कर देती हैं। आयुष्मान भारत (पीएमजेएवाई) में 70 साल से ऊपर के सभी वरिष्ठ नागरिकों को शामिल करने के...