हरदोई, फरवरी 17 -- हरदोई। किसान अन्नदाता हैं, मेहनत-मशक्कत कर खेती में जुटते हैं तब जाकर अच्छी फसल हो पाती है। पर ये दिक्कत में हों तो अनाज कहां से आएगा। हरदोई के किसान खाद-बीज की किल्लत से परेशान हैं। उर्वरक की उपलब्धता है पर कारोबारी कालाबाजारी कर महंगे दामों पर बेचते हैं। फसलों की सिंचाई के लिए कभी नहर तो कभी ट्यूबवेल से पानी नहीं मिलता है। फसल खेत में खड़ी है तो अन्ना मवेशियों से बचाने के लिए रतजगा करना मजबूरी है। यूरिया खरीदनी है तो 200 रुपये ज्यादा देने पड़ेंगे। ये हम नहीं, बल्कि बेचने वाले कारोबारी कह रहे हैं। मजबूर किसान कहां जाएं, खेती करनी है तो मनमाने रेट पर यूरिया खरीदनी पड़ेगी। गन्ना, धान व सब्जी बोने वाले किसान हर सीजन में फसलों के लिए जरूरी सुविधाओं के लिए जूझते हैं। इनमें सबसे ज्यादा आफत यूरिया और डीएपी की है। आपके अपने अखबार...
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