सहारनपुर, अप्रैल 17 -- सहारनपुर में दस हजार से अधिक वेल्डिंग कारीगर है, लेकिन उनकी हालत देखकर यह साफ जाहिर होता है कि ये मेहनतकश लोग समाज की मुख्यधारा से अब भी बहुत पीछे हैं। न तो उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल पा रहा है, न ही उनके लिए कोई स्थायी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। वेल्डिंग का काम जितना कठिन है, उतना ही खतरनाक भी। अक्सर बिना किसी सेफ्टी किट के, बिना दस्ताने, बिना मास्क के काम करते इन कारीगरों के शरीर पर छोटे-मोटे जख्म आम बात हैं। कई बार ये जख्य इतने गंभीर हो जाते हैं कि ईलाज की आवश्यकता होती है, मगर न बीमा होता है, न पर्याप्त पैसे। धातु को जोड़ते हुए चिंगारी उड़ती है। एक सुलगती रोशनी होती है और उसी के बीच कहीं एक मेहनतकश वेल्डिंग कारीगर अपनी आंखे मिचमिचाते हुए अपनी रोजी-रोटी के लिए दिन-रात मेहनत कर रहा होता है। यह काम ...
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