रुद्रपुर, फरवरी 19 -- देश की आजादी के बाद वर्ष 1950 में स्वतंत्रता सेनानियों को सबसे पहले फुलसुंगा क्षेत्र में बसाया गया था। जंगली जमीन को समतल कर सेनानियों ने इस क्षेत्र में खेती किसानी कर अपना जीवनयापन किया था। वर्तमान में फुलसुंगा क्षेत्र में खेती किसानी लगभग खत्म हो चुकी है। खेती की जमीन में आवासीय प्लॉट काटे जा रहे हैं। पूरे क्षेत्र में जल निकासी की समस्या सबसे अहम है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि नगर निगम में शामिल होने के बाद भी क्षेत्र में कोई विकास कार्य नहीं कराए गए हैं। रुद्रपुर के फुलसुंगा सहित 11 गांवों को वर्ष 2018 में नगर निगम में शामिल किया गया था। फुलसुंगा क्षेत्र की कुल आबादी तकरीबन 35 हजार है। क्षेत्र में सर्व समाज के लोग बसते हैं। खेती किसानी क्षेत्र फुलसुंगा में वर्तमान में आवासीय प्लॉट काटे जा रहे हैं। मुख्य सड़क के ...