रामपुर, फरवरी 15 -- शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में लोग बच्चों के आधार कार्ड बनवाने और उनमें संशोधन करने में उलझे हुए हैं। शहरों में तो डिजिटल सेवाओं का विस्तार है, लेकिन दूर-दराज के क्षेत्रों में समस्या बनी हुई है। केवाईसी के लिए बैंक और राशन दुकानों पर जो दबाव डाला जा रहा है, वह न केवल समय की बर्बादी है, बल्कि कई बार यह लोगों के लिए एक बड़ा मानसिक बोझ भी बन रहा है। डाकघरों का सहारा लेने की स्थिति में लोग 30-40 किमी तक का रास्ता तय कर रहे हैं, लेकिन वहां भी तारीखों की जटिलता और लंबी प्रक्रियाओं ने स्थिति और भी अधिक कठिन बना दी है। आधार कार्ड को सरकार अनिवार्य करती जा रही है। अब राशन कार्ड की केवाईसी के लिए बच्चों के फिंगर प्रिंट लगाए जा रहे हैं तो बचपन के बने हुए आधार कार्ड में फिंगर प्रिंट नहीं आ रहे हैं। इस स्थिति में राशन डीलर आधार कार्ड अ...