रामगढ़, जून 21 -- रामगढ़। जब भी 'तालाब शब्द सुनाई देता है, हमारे मन में लबालब पानी से भरा, हरे-भरे किनारों वाला कोई विशाल जलाशय का दृश्य उभर कर सामने आता है। आज से कुछ दशक पहले रामगढ़ शहर के तालाबों के लिए भी यह दृश्य सटीक बैठता था। जब रामगढ़ शहर में भी तालाबों की यही पहचान थी। ये तालाब केवल जल स्रोत नहीं थे, बल्कि सामुदायिक जीवन का केंद्र हुआ करते थे। आज के समय में रामगढ़ शहर के अधिकांश तालाब या तो पूरी तरह सूख चुके हैं या उनमें गंदे नालों का बदबूदार पानी भरा है। हिन्दुस्तान के बोले रामगढ़ टीम से वार्ड तीन के लोगों ने समस्या साझा की। इन्हीं तालाबों में एक है रामगढ़ कस गुईंया तालाब। इसे गुईंया पोखर के नाम से जाना जाता है। यह रामगढ़-गोला एनएच 23 मुख्य सड़क के कुछ ही दूरी पर चट्टी बाजार से पहले सड़क की बाईं और लगभग 50 मीटर की दूरी पर साहू कॉ...