मैनपुरी, मार्च 2 -- गांव की सरकार का मुखिया होता है ग्राम प्रधान, जिसके सामने अनेक समस्याएं हैं। गांव की सरकार चुनने के बाद प्रधानों को गांव में कार्य कराना होता है, लेकिन प्रधान राजनीति प्रभाव के चलते कार्य नहीं करा पाते। कहीं सत्ता पक्ष के नेता हावी हो जाते हैं तो कहीं अधिकारी मनमानी करते हैं। हिन्दुस्तान के बोले मैनपुरी संवाद में प्रधानों ने समस्याओं की झड़ी लगा दी। कहा कि ग्राम पंचायत की जमीनों पर कब्जे हो रहे। शिकायतों पर अधिकारी उन्हें ही दबाव में लेकर शिकायत को नजरंदाज कर देते हैं। प्रधानों के अधिकारों पर ग्रहण लगा दिया है। 73वें संविधान विधेयक 1992 में प्रदत्त 29 विषय व उनसे जुड़े अधिकार लागू नहीं हो रहे। मानदेय न के बराबर दिया जा रहा। ग्राम पंचायत में चुनाव होने के बाद प्रधान यानी लोकसेवक का चुनाव होता है। लोकसेवक की जिम्मेदारी होत...