मुजफ्फर नगर, मई 5 -- जनपद में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के तहत 80 हजार मजदूरों के जॉब कार्ड बने हुए हैं, जिनमें करीब 26 हजार महिला मजदूर शामिल हैं। मनरेगा के तहत जॉब कार्ड धारक मजदूर को एक साल में न्यूनतम सौ दिन तक काम देना अनिवार्य है, लेकिन आंकड़ों के तहत जिले में महज 1,200 लोगों को ही एक साल में सौ दिन का रोजगार मिल पाता है। वहीं, महिला मजदूरों को तो एक साल में महज 20 से 25 दिन का ही रोजगार मिल पाता है। यही नहीं, जहां प्रदेश में न्यूनतम मजदूरी 783 रुपये प्रतिदिन निर्धारित है, वहीं मनरेगा के तहत मजदूरों को मात्र 235 रुपये प्रतिदिन ही मिल पाते हैं और यह भुगतान पाने के लिए भी कई-कई दिन का इंतजार करना पड़ता है। ------ मनरेगा महिला मजदूर मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश में ग्रामीणों को एक वित्तीय वर्ष में कम से...