भागलपुर, मार्च 11 -- राज्य और केंद्र सरकार पुजारियों को उचित स्थान नहीं दे रही है। पुजारियों को हमेशा राजनीतिक तौर पर उपेक्षित किया जाता रहा है। संवाद के दौरान पुजारी समाज के लोगों ने कहा कि आर्थिक आधार पर पुजारियों को आरक्षण मिलना चाहिए। आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस व होरोस्कोप सॉफ्टवेयर ने पंडितों के कुंडली बनाने व उनके मिलान का व्यवसाय भी प्रभावित कर दिया है। या यूं कहें कि लगभग समाप्त कर दिया है। पंडितों ने बताया कि पहले 16 संस्कार होते थे। अब महज तो पांच-छह संस्कार ही लोग कराते हैं। समाज में इस प्रकार का बदलाव भी उनकी आजीविका को प्रभावित कर रहा है। हिन्दुस्तान के साथ संवाद के दौरान शक्तिपीठ मां चंडिका मंदिर के पुजारियों ने सरकार से कई मांगें रखी और कई सुझाव दिए। 03 लाख की आबादी है पुजारी समाज के लोगों की जिले में 40 हजार की आबादी है शहरी क...