मिर्जापुर, मई 17 -- प्लंबर की जिंदगी किसी खुशहाल परिवार की कहानी नहीं है। वे मेहनत खूब करते हैं, लेकिन उन्हें न सम्मान मिलता है न स्थिर आमदनी। अक्सर गंदे पानी में काम करना पड़ता है। सरकारी योजनाएं उनसे दूर हैं। श्रमिक कार्ड का लाभ नहीं मिलता। इस दौर में तकनीकी दक्षता की कमी बेहद अखरती है। वे अपनी जिंदगी में लाभ के एक बूंद के लिए तरस रहे हैं। उनकी दुनिया पाइप लाइन की मरम्मत से कहीं ज्यादा जटिल है। वे सेहत एवं शिक्षा की गारंटी के साथ आर्थिक सुरक्षा चाहते हैं। नगर के वासलीगंज के एक प्रतिष्ठान पर जुटे प्लम्बरों ने 'हिन्दुस्तान से बातचीत में अपनी परेशानी बताई। कहा कि पानी हर घर में चाहिए लेकिन जो आदमी पानी देने की पाइप फिटिंग करता है, उसे समाज में कोई नहीं पूछता। पिछले दस वर्षों से प्लंबरिंग का काम कर रहे हैं। माथे पर पसीना, गहरी थकान और आंखों...