मथुरा, अप्रैल 21 -- अभिभावकों का कहना है कि स्कूल संचालकों द्वारा जो वाहन बच्चों के स्कूल आने-जाने के लिए निर्धारित किये गए हैं वे या तो फिटनेस के मानकों पर खरे नहीं उतरते, खटारा हैं अथवा चालकों द्वारा ओवरलोडिंग की जाती है या ओवर स्पीड की जाती है। जिसके चलते उनके बच्चों को जान जोखिम में डालकर स्कूल का सफर तय करना पड़ता है। इसके अलावा अन्य समस्याएं भी अभिभावकों के सामने हैं। कुछ स्कूल तो अपनी स्कूली बसों से बच्चों को सुविधा दे रहे हैं। लेकिन कई स्कूलों के पास परिवहन के साधन उपलब्ध नहीं है या फिर पर्याप्त नहीं है। ऐसे में स्कूली बच्चों को लाने ले जाने का काम ई रिक्शा और गैर पंजीकृत वैन द्वारा भी किया जा रहा है। जबकि परिवहन विभाग के अनुसार ई रिक्शा ऑटो या सफेद नंबर प्लेट वाली वैन का प्रयोग स्कूल वाहन के रूप में नहीं किया जा सकता है। लेकिन यह ...