मथुरा, नवम्बर 12 -- छले कुछ वर्षों में जनपद में रक्तदान को लेकर लोगों की सोच में उल्लेखनीय परिवर्तन देखने को मिला है। पहले लोग किसी परिचित या रिश्तेदार के लिए ही रक्तदान करते थे, लेकिन अब नियमित तौर पर स्वेच्छा से रक्तदान करने वालों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। पहले लोग रक्तदान से कमजोरी आ जाने या शरीर में रक्त की कमी होने के डर की भ्रांति में रहते थे। चिकित्सा विशेषज्ञों के प्रचार प्रसार एवं रक्तदाताओं के अनुभवों ने इन भ्रांतियों को पूरी तरह तोड़ दिया है। सिर्फ एक बार रक्तदान करने के बाद लोग फिर बार-बार आगे आकर स्वैच्छिक रक्तदान करते हैं। इसी शहर में ऐसे कई रक्तवीर हैं, जो हर तीन महीने में एक बार रक्तदान करते हैं वहीं इसकी प्रेरणा दूसरों को भी दे रहे हैं। विभिन्न संस्था एवं सरकारी अभियानों के कारण अब ब्रज के ब्लड बैंक पहले की तुलना मे...