बाराबंकी, सितम्बर 22 -- शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में खाने-पीने की वस्तुओं में मिलावटखोरी एक बड़ी समस्या बन चुकी है। दूध से लेकर घी, तेल, मसाले, मिठाइयों में मिलावट आम हो गई है। त्योहारों के सीजन में तो इसका खतरा और बढ़ जाता है। हालत यह है कि मिलावटी खाद्य पदार्थों के सेवन से लोगों को पेट से जुड़ी बीमारियां, फूड पॉइजनिंग, लीवर व किडनी की समस्या, यहां तक कि कैंसर जैसी घातक बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। बाजार में आसानी से मिलने वाले सिंथेटिक रंग और केमिकल से बनी मिठाइयां व नकली दूध से लोग अनजाने में अपने स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। लोगों का आरोप है कि खाद्य विभाग की ओर से सख्त कार्रवाई न होने की वजह से मिलावटखोरों के हौसले बुलंद हैं। जांच के नाम पर सिर्फ औपचारिकता निभाई जाती है, जिससे खुलेआम मिलावट का कारोबार फल-फूल रहा है। लोगों का कहना ...