बांदा, फरवरी 27 -- बांदा। संक्रमण और बीमारियों से बचाव के लिए लोग साधारण चीज छूने पर भी हाथ धोते हैं लेकिन हम बीमारी की जड़ से बिना सुरक्षा किट रोज जंग लड़ते हैं। कोरोना में भी अपने फर्ज से नहीं डिगे, लेकिन मूल सुविधाएं भी मिल जाएं तो हमारी कई समस्याओं का समाधान हो जाए। भ्रष्टाचार में पिस रहे हैं। भभकी से डरे और सहमे हैं। कुछ ऐसे ही अल्फाजों में अपनी बात सफाईकर्मियों ने आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान से कहीं। सफाई कर्मी दिलीप कुमार और ब्रजेश कुमार कहते हैं कि हथेली पर जान रखकर काम करते हैं, लेकिन सेफ्टी किट तक नहीं मिलती। न तो समय पर तनख्वाह मिलती है, न ही छुट्टियां। एक माह की तनख्वाह भी डेढ़ माह में मिलती है। छुट्टियों की बात करते ही मेहनताना काटने की धमकी दी जाती है। यहां तक कि हमारी जान की परवाह भी नहीं की जाती। आधी-अधूरी सुरक्षा किट के साथ...
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