बहराइच, सितम्बर 22 -- त्योहार आते ही मिलावट खोर सक्रिय हो जाते हैं। खासतौर से खाद्य पदार्थों में हानिकारक पदार्थ के साथ रंग आदि व्यापक पैमाने पर मिलाए जाते हैं। त्योहारों में मिठाई, दूध, दही आदि के साथ फल, मेवा व अन्य सामग्री की डिमांड काफी अधिक हो जाती है। जिसका फायदा मिलावटखोर उठाते हैं। यही नहीं फूड सेफ्टी टीम द्वारा की जा रही छापेमारी व कार्रवाई के बाद भी मिलावटखोरी जारी है। इसे लेकर लोगों का कहना है कि मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री पर लगाम कसने के लिए यह जरूरी है कि थोक विक्रेताओं (होलसेलर) पर सख्त शिकंजा कसा जाए। क्योंकि वे मिलावटखोरी का एक बड़ा स्रोत हैं। ऐसा करने के लिए खाद्य सुरक्षा विभागों को संयुक्त टीमें बनाकर बड़े पैमाने पर छापेमारी करनी चाहिए, जिसके बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई और सख्त दंड का प्रावधान हो। साथ ही उपभोक्ताओ...