बहराइच, अगस्त 25 -- सड़कों पर दौड़ते ई-रिक्शा हजारों परिवारों की आजीविका का जरिया हैं। इससे लोगों को आवागमन में बड़ी सुविधा मिल रही है। मगर ये रिक्शा चालक बुनियादी जरूरतों से जूझ रहे हैं। स्थाई स्टैंड व निर्धारित रूट न होने के कारण रिक्शा चालकों के सामने काफी समस्याएं हैं। जब जहां देखो रिक्शा चालकों पर पुलिस डंडा चला देती है। आजीविका के लिए गांव से शहर आने वाले ई-रिक्शा चालकों के लिए प्रशासन की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की गई है। यदि रूट चार्ट बन जाए तो एक बेहतर व्यवस्था बनाई जा सकती है, जिससे न जाम का संकट होगा और न ही ई रिक्शा चालकों को पुलिस की बेवजह फटकार खानी पड़ेगी। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान ई-रिक्शा चालकों ने कहा कि यदि रूट निर्धारण हो जाए तो यह साफ हो जाएगा कि कौन सा रिक्शा किस रूट पर जाएगा। अभी जहां सवारी कहती है...