फिरोजाबाद, मई 7 -- जनपाद में कई परिवार आज भी झोंपड़ी में रहने के लिए मजबूर हैं। न तो इनके सिर पर छत है न ही मौसम की मार से बचने के लिए पक्की दीवारें। कहीं पर दस साल से यह झोंपड़ी में रहने के लिए मजबूर हैं तो कहीं पर 15-20 साल से। इन झोंपड़ियों में जन्म लेने वाले बच्चे स्कूल तक भी नहीं पहुंच पाते हैं तो सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ भी इन तक नहीं पहुंच रहा है। सालों से फिरोजाबाद में रहने वाले इन लोगों को फिरोजाबाद को एक पहचान देते हुए सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाना चाहिए। कम से कम इन झोपड़ियों से तो निजात दिलानी चाहिए, जो न तो इन्हें बरसात से बचा सकती हैं न ही तल्ख धूप से। फिरोजाबाद में बंबा बाईपास से अगर बिलाल नगर की तरफ मुड़ें तो सामने ही नजर आती हैं एक दर्जन से भी ज्यादा बनी हुई झोपड़ी। इन झोपड़ियों के अलावा कई खाली प्लॉट में भी झोंपड़ी पड़ी हुई...