फर्रुखाबाद कन्नौज, जून 5 -- आधुनिकता की अंधी दौड़ में हम उस प्रकृति को भूल गए हैं जिसने हमें यह जीवन दिया है और जिससे हमारा अस्तित्व है। पर्यावरण दिवस इसीलिए मनाया जाता है। हम सभी अपने कर्तव्य का पालन करें। आसपास के लोगों को भी जागरूक करें। हर साल पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए लाखों पौधे रोपित किए जाते हैं पर उनकी देखभाल की उचित व्यवस्था न होने का नतीजा है कि पौधे कुछ समय बाद ही दम तोड़ देते हैं। ऐसे हालात में यदि पौधे रोपे जाएं तो उसकी देखभाल आवश्यक है तभी पर्यावरण दिवस का मकसद कामयाब हो सकता है। आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान पर्यावरण प्रेमी देव कुमार शर्मा ने बताया कि 30 से 40 फीसदी पौधे तो रोपित करने के बाद ही गायब हो जाते हैं। अपने जिले की ही बात करें तो पिछले तीन वर्षों में जिले में एक करोड़ इकतालीस लाख पंद्रह हजार...