बांदा, फरवरी 20 -- फतेहपुर। होम्योपैथी से कई जटिल बीमारियों को जड़ से खत्म किया जा सकता है लेकिन शासन-प्रशासन की ओर से इस पद्धति को बढ़ावा नहीं दिया जाता है। शहर में ही करीब 42 डिस्पेंसरी संचालित हैं। नया लाइसेंस बनवाना हो या फिर लाइसेंस का नवीनीकरण कराना हो तो स्वास्थ्य विभाग के चक्कर काटने पड़ते हैं। इस प्रकिया को और आसान बनाना चाहिए। सरकारी नीतियों में भेदभाव बंद होना चाहिए। शादीपुर के डॉ. शिव प्रसाद त्रिपाठी कहते हैं कि राजकीय मेडिकल कॉलेज में भी होम्योपैथ विभाग होना चाहिए। जिसमें डॉक्टर एवं फार्मासिस्ट की पढ़ाई हो सके। डॉक्टर नीलेश ने बताया कि शासन द्वारा हर पांच साल में लाइसेंस रिन्यूअल कराने के सख्त निर्देश हैं। इसके बावजूद पोर्टल लंबे समय से अपडेट नहीं किया गया है। काफी समय से पोर्टल नहीं खुल रहा है। पोर्टल में जैसे ही मोबाइल और रजिस्...