फतेहपुर, फरवरी 20 -- फतेहपुर। सुदूरवर्ती गांवों और शहर की उपेक्षित बस्तियों की महिलाओं के बीच स्वास्थ्य सेवाएं और केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं लेकर जाने वालीं जिले में कार्यरत 2359 आशा बहुएं बिना संसाधन और बेहद कम पैसों पर काम कर रही हैं। आशा बहू ब्लॉक वार काम करती हैं। इनमें भी क्लस्टर बने हैं। इन क्लस्टर की हेड 'आशा संगिनी' कही जाती हैं। इन सबको कोई मानदेय नहीं मिलता। प्रसव केस पर प्रोत्साहन राशि या 'इंसेंटिव' दिया जाता है। आशा बहू उर्मिला गुप्ता ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्रों में बैठने तक की व्यवस्था नहीं होती, ऐसे में सर्दी, गर्मी, बरसात हमें बाहर की गुजारनी पड़ती है। आशा बहू चंद्रावती ने बताया कि आज तक मानदेय का प्रावधान नहीं हुआ। हसवा ब्लाक के सातों जोगा निवासी उर्मिला शर्मा बताती हैं कि ब्लॉक मुख्यालय से स्वास्थ्य केंद्र 24 ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.