भागलपुर, मार्च 3 -- शहद उत्पादक किसानों को पूंजी की समस्या है। तैयार माल बेचने के लिए उचित प्लेटफार्म व बाजार नहीं मिल पा रहा है। मधुमक्खी पालन से लेकर शहद निकालने एवं प्रोसेसिंग कर डिब्बा बंद करने में लगी लागत भी स्थानीय बाजार में नहीं मिल पा रहा है। नतीजन किसानों को घाटा हो रहा है। लोग व्यवसाय से विमुख होने लगे हैं। किसानों का कहना है कि अगर उन्हें बाजार मिले तो शहद हजारों परिवारों की जिंदगी में मिठास घोल देगा। पूर्णिया जिला में करीब 1000 शहद उत्पादक हैं। इसमें महिलाओं की संख्या करीब 200 है। हालांकि, प्रशासन का दावा है कि शहद उत्पादक किसानों को 75 से 90 फीसदी तक सब्सिडी भी दी जा रही है। पिछले साल 2500 बॉक्स दिये गए। पूर्णिया जिला में पहली बार हनी प्रासेसिंग यूनिट भी स्थापित हुई है, जिसका लाभ आने वाले दिनों में शहद उत्पादक किसानों को मिल...
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