भागलपुर, अप्रैल 28 -- जिले में तीन हजार के करीब प्राइवेट स्कूल हैं। इनमें तीन सौ स्कूल भी शिक्षा विभाग में रजिस्टर्ड नहीं है। रजिस्टर्ड स्कूलों पर अधिकारियों का कुछ ही मामले में नियंत्रण है। जिससे खासकर किताब एवं स्टेशनरी, स्कूल यूनिफार्म, नामांकन आदि प्राइवेट विद्यालयों की अपनी मनमानी है। इससे अभिभावक परेशान हैं। जिले में करीब 2 लाख बच्चे प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहे हैं। इन बच्चों से ट्यूशन चार्ज, किताब एवं स्टेशनरी, यूनिफार्म एवं अन्यान्य मदों में मोटी रकम वसूल की जाती है। दरअसल पूर्णिया में प्राइवेट स्कूलों की परिकल्पना एक जमाने में निजी पाठशाला से शुरू हुई थी। बाद में यह निजी पाठशाला ही प्राइवेट स्कूल के रूप में बदल गई। जब से सरकारी स्कूलों की शैक्षणिक व्यवस्था कमजोर हुई तो प्राइवेट स्कूल की चांदी कटने लगी। इससे अभिभावकों को काफी परेशा...