पटना, मार्च 8 -- ऑप्टोमेट्रिस्ट की 13 वर्षों से नहीं हुई सरकारी अस्पतालों में बहाली आंखों से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या होने पर मरीजों को सबसे पहले ऑप्टोमेट्रिस्ट की ही जरूरत पड़ती है, जो आंखों और दृष्टि को प्रभावित करने वाले कारणों की जांच के साथ प्राथमिक उपचार करते हैं। यदि किसी मरीज को सर्जरी आदि की आवश्यकता होती है तो उन्हें नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास भेजने का काम भी करते हैं। आंखों की रोशनी को बचा दूसरों के जीवन को उजाला करने वाले दृष्टिमितिज्ञ वर्तमान में खुद के भविष्य को अंधकार में पा रहे हैं। ऑप्टोमेट्रिस्ट के लिये 12 वर्षों में नहीं बनी नियमावली:बीते 25 वर्षों से ऑप्टोमेट्रिस्ट के तौर पर काम कर रहे पंकज सिन्हा इस क्षेत्र के भविष्य को लेकर चिंता जताते हैं। बताते हैं कि 2012 से बिहार में सरकारी तौर पर स्नातक स्तर की ऑप्टोमेट्री...