देवरिया, फरवरी 25 -- देवरिया। प्रदेश में 1980 के दशक में संस्कृत माध्यमिक शिक्षा परिषद की स्थापना की गई। इसके साथ ही संस्कृत की शिक्षा के साथ प्रयोग शुरू हुए। इसमें गणित और विज्ञान की पढ़ाई को भी जोड़ा गया। इस दौरान रिक्त होते जा रहे शिक्षकों और कर्मचारियों के पद पर नई भर्ती नहीं की गई। परिणामस्वरूप आज आधे से अधिक पद रिक्त हैं। आधा दर्जन ऐसे महाविद्यालय हैं, जहां एक भी नियमित शिक्षक की तैनाती नहीं है। देवरिया में संस्कृत शिक्षा पद्धति के कुल 36 विद्यालय हैं। इनमें कक्षा छह से लेकर आचार्य (एमए के समकक्ष) तक की शिक्षा दी जाती है। शिक्षक फणींद्र मणि का आरोप है कि संस्कृत शिक्षा में नित नए प्रयोग ने इसको यूपी बोर्ड के विद्यालयों की राह पर खड़ा कर दिया है। प्राच्य संस्कृति की शिक्षा देने वाले यह वैदिक विद्यालय अब माध्यमिक विद्यालय की तरह चल रहे ह...