भागलपुर, मई 5 -- चाय विक्रेताओं की परेशानी इंट्रो : शहर हो या गांव सुबह की शुरुआत चाय के बिना अधूरी लगती है। स्टेशन के बाहर, दफ्तर के पास, मोहल्ले की नुक्कड़ पर या किसी चौक-चौराहे पर लगे छोटे-छोटे चाय के ठेले न जाने कितनों की थकान मिटाते हैं। लेकिन जो चाय दुकानदार दूसरों की थकान दूर करते हैं, आज उनकी अपनी जिंदगी कठिनाइयों की भट्टी में तप रही है। कुल्हड़ की किल्लत हो, दूध-चायपत्ती की बढ़ती कीमतें या अस्थायी दुकानों का उजड़ना हर दिन उनके लिए एक नई चुनौती लेकर आता है। वहीं आज के समय में आधुनिक ब्रांडेड चाय दुकानों से प्रतस्पिर्धा की तलवार अलग लटक रही है। प्रस्तुति : उपेंद्र कुमार यादव जमुई। कुल्हड़ और चायपत्ती की बढ़ती कीमतों से चाय दुकानदार परेशान हैं, जिससे चाय दुकानदारों की आय में कमी हो गई है। कुल्हड़ और चायपत्ती की कीमतें बढ़ने से चाय की लागत ब...
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