भागलपुर, जुलाई 7 -- प्रस्तुति: सुमन सौरभ मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में गांव की महिलाएं और पुरुष पूरी लगन से जुड़े हुए हैं। केवाल गांव में यह कार्य वर्ष 2011 में स्थानीय निवासी मोहन केशरी द्वारा शुरू किया गया था, जो अब पूर्वी गुगुलडीह पंचायत के लगभग सौ घरों तक फैल चुका है। मशरूम की खेती ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति दे रही है। इसके पोषण मूल्य और स्वास्थ्य लाभ इसे सुपर फूड की श्रेणी में शामिल करते हैं। प्रोटीन का यह उत्कृष्ट स्रोत शाकाहारी और मांसाहारी, दोनों वर्गों में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। हालांकि, किसानों को पूंजी, गुणवत्तापूर्ण बीज और प्रशिक्षण जैसी कई चुनौतियों का अब भी सामना करना पड़ रहा है। प्रखंड के पूर्वी गुगुलडीह पंचायत का केवाल गांव बिना किसी सरकारी अनुदान के मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में जिले में एक अलग पहचान बनाए हुए है। य...