जमशेदपुर, फरवरी 27 -- जमशेदपुर की ऐतिहासिक रेलवे लोको कॉलोनी को बने भले ही 100 साल हो चुके हों, लेकिन यहां रहने वाले लोग बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जी रहे हैं। जर्जर क्वार्टर, टूटी सड़कें, जाम पड़ी नालियों और असुरक्षित खेल मैदान की समस्याओं से जूझ रही इस कॉलोनी में अस्पताल तो है, लेकिन डॉक्टर नहीं मिलते। रेलवे की ओर से यहां के कई क्वार्टर को कंडम घोषित कर दिया गया है। इसके बावजूद लोग उसमें रहने को मजबूर हैं। स्थानीय रेलकर्मियों ने अपनी परेशानियां हिंदुस्तान को बताते हुए रेलवे प्रशासन से समाधान की मांग की। लोको कॉलोनी की नींव ब्रिटिश शासन के दौरान रखी गई थी। उस समय कॉलोनी को टाटानगर रेलवे स्टेशन (तब कालीमाटी) के कर्मचारियों के लिए बसाया गया था। मूल रूप से यह कॉलोनी स्टीम लोकोमोटिव चलाने वाले लोको पायलटों के लिए बनाई गई थी। इसलिए इसका ना...