जमशेदपुर, मार्च 5 -- जमशेदपुर में पासी समाज का इतिहास काफी पुराना रहा है। ताड़ी निकालना और बेचना इस समाज का पारंपरिक पेशा रहा है, लेकिन समय के साथ लोग इससे दूर हो रहे हैं। अनुसूचित जाति में शामिल होने के बावजूद कई लोग जाति प्रमाण पत्र नहीं बनवा पा रहे, जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में परेशानी हो रही है। इसके अलावा शिक्षा की कमी भी समाज के विकास में बड़ी बाधा बनी हुई है। समाज के लोगों ने अपनी समस्याओं को हिंदुस्तान से साझा किया। पासी समाज के लोगों का 1932 से ही जमशेदपुर शहर में आना शुरू हो गया था। उस दौर में शहर और इसके आसपास ताड़ के पेड़ बड़ी संख्या में पाए जाते थे, जो उनकी आजीविका का मुख्य स्रोत थे। समाज के लोग ताड़ी निकालकर बेचते थे और अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। हालांकि, समय के साथ शहरीकरण बढ़ा, जंगल कटे और ताड़ के पेड़ों की स...