गोरखपुर, मई 20 -- बोले वर्तमान में तकनीकी छात्र-छात्राओं का जीवन संस्थान की चहारदीवारी तक सीमित नहीं रह सकता। उनका मानना है कि बेहतर शिक्षा ही बेहतर कल का निर्माण करती है। घर से संस्था आने के बीच सड़क पर लगने वाला जाम या फिर रेलवे क्रॉसिंग पर घंटों खड़े होकर व्यवस्था की मार झेलते इन छात्रों की तकनीकी समझ प्रभावित हो रही है। सरकार इनके लिए जो योजनाएं चला रही है उसका लाभ हर पात्र को मिल रहा है। मसलन, मोबाइल व टैबलेट या स्कॉलरशिप योजना का लाभ लगभग हर एक पात्र को मिल रहा है। संस्थानों में रोजगार मेला आयोजित हो रहा है, लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा है कि यह व्यवस्था क्षीण होती दिखाई पड़ रही है। कोर्स पूरा कर चुके छात्र अनुभवों से कहते सुनाई देते हैं कि सरकारी संस्थान को छोड़ दें तो प्राइवेट संस्थाएं डिग्री बांटने की फैक्ट्री बनकर रह गई हैं। इनका स्पष...