हाजीपुर, फरवरी 13 -- बयान.... चूना में क्लोरोपायरी फॉस और चूना मिलाकर, जमीन से एक से दो फिट ऊपर तक पेड़ को रंग देना है। उसके बाद जब तक मटर के दाने के आकार का फल न हो जाए तब तक सिंचाई नहीं करना है। टहनी सूखी है तो कृषि विशेषज्ञों की सलाह लेने के उपरांत ही कीटनाशक या फफूंद नाशन दवा का छिड़काव किया जाए। पौधे के उम्र के अनुसार से गुड़ाई कर रिंग बना दिया जाए, जिससे जितने भी अवांछिक खर पतवार हैं, नष्ट हो जाएंगे और बाग साफ एवं स्वच्छ हो जाएगा। अगर फल गिरने लगे तो ऐसी स्थिति में नेपथेलिक एसीटीक एसीड का फैलथेन नोजल से स्प्रे करना है, जिससे फलों का गिरना नियंत्रित हो जाएगा। साथ ही समय-समय पर बागों का निरीक्षण करते रहेंगे। फलों में लगने वाले रोग एवं किटों से बचाव के लिए दवा का छिड़काव करते रहेंगे, जिससे बेहतर उत्पादन होगा। - चंदन कुमार सिंह, उद्यान पदाध...