कुशीनगर, फरवरी 27 -- Kushinagar News: स्वास्थ्य सेवाओं की प्रमुख आधार मानी जाने वाली संविदा एएनएम (सहायक नर्स मिडवाइफ) ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी अस्पतालों तक अहम भूमिका निभा रही हैं, लेकिन इन्हें स्थायी कर्मचारियों की तरह सुविधाएं नहीं मिलतीं। अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से संघर्ष भी कर रही हैं। फिर भी न तो विभाग ध्यान दे रहा है और न ही सरकार उनकी मांगें पूरी कर रही है। जो मानदेय मिल रहा है, उसका भी समय से भुगतान नहीं होता। ऊपर से उन्हें दूसरे जनपद में तबादला किए जाने से परेशानियां और बढ़ जाती हैं। 'हिन्दुस्तान' से बातचीत में संविदा एएनएम ने अपना दर्द बयां किया। कुशीनगर जिले के 14 ब्लॉकों में स्थित 550 एएनएम सेंटर और सभी सरकारी अस्पतालों को मिलाकर तकरीबन 250 एएनएम संविदा पर कार्यरत हैं। इसके अलावा 300 के आसपास स्थायी एएनएम की तैनाती...