वाराणसी, अक्टूबर 15 -- वाराणसी। बुनियादी सुविधाएं अगर दुरुस्त न हों तो नागरिकों के सुख-चैन छिन जाते हैं, जिंदगी बोझ लगने लगती है। रोज का ऐसा दर्द जिसका निदान निवासियों के हाथ में नहीं बल्कि 'व्यवस्था के हाथ में है और 'व्यवस्था यहां मूक जैसी हो गई है। कुछ ऐसा ही बोझिल जीवन भीटी (रामनगर) के सोनकर चौराहे के आसपास रहने वाले लोग जी रहे हैं। यहां के लोगों को न आवास मिला है और न ही सामुदायिक शौचालय बना है,। पेयजल के लिए भटकना पड़ता है, किसी तरह गला 'तर हो पाता है। तमाम दुश्वारियों के बीच सांस ले रहे सोनकर चौराहा (भीटी-रामनगर) के लोगों ने 'हिन्दुस्तान से बातचीत में अपनी पीड़ा सुनाई, उपलब्ध सुविधाओं की दुर्दशा दिखाई। मुन्ना लाल, राहुल, लक्ष्मीना ने कहा कि यहां के गरीबों के उत्थान के लिए प्रयास नहीं किया जाता। काफी दिनों से समस्याएं झेल रहे हैं, सु...