वाराणसी, अगस्त 24 -- वाराणसी। बनारसी साड़ी अपनी खास डिजाइनों और कढ़ाई के कारण देश के दूसरे हिस्सों की साड़ियों में अलग पहचान रखती है। इन साड़ियों को बुनने वाले बुनकरों को बिक्री आदि में दिक्कतें न हों, इसके लिए बुनकर सहकारी समितियों का गठन हुआ। इसके पीछे हथकरघा सेक्टर के विकास की भी मंशा थी लेकिन कुछ कारणों से ज्यादातर समितियां निष्क्रिय हैं। लोगों का मानना है कि यदि हथकरघा क्षेत्र का विकास करना है तो बुनकर सहकारी समितियों की समस्याएं प्राथमिकता पर दूर हों, पूंजी संकट खत्म हो ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। बनारसी साड़ी सेक्टर कुटीर उद्योग के रूप में लंबे-चौड़े क्षेत्र में फैला है। इसे संगठित रूप देने और गृहस्थी की गाड़ी बेरोकटोक चलाने के उद्देश्य से बुनकर सहकारी समितियों का गठन हुआ। सरकार की मंशा तो साफ थी लेकिन वे समितियां कई प्रभावी लोगों ...
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