कानपुर, फरवरी 28 -- देश-द़ुनिया में कानपुर को पूर्व का मैनचेस्टर कहलाने का गौरव कपड़ा कारोबार ने दिलाया। एक साथ 14 मिलें चलने से सूती, कॉटन, ऊनी कपड़े की भरमार इतनी कि जगह-जगह डिपो तक खुल गए। 1980 तक आते-आते अचानक न जाने किसकी नजर लग गई। एक के बाद एक धड़ाधड़ मिलें बंद होती गईं और कपड़ों की गांठ से भरे बाजार और गोदाम खाली हो गए। यहां तारों के मकड़जाल और अंगारे बरसाते तारों से कारोबारी खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं। कारोबारी बोले-अव्यवस्थाओं से बाजार में व्यापार चौपट हो रहा है। जनरलगंज-नौघड़ा कपड़ा बाजार से जुड़े ढेरों किस्से हैं। वरिष्ठ कारोबारी श्रीकृष्ण गुप्त ने तो इस बाजार को जवां होते देखा है और उतार भी देख रहे। इसी बाजार में उनका बचपन बीता है। पूछने पर सहसा चौंक जाते हैं। कहते हैं-'सरकारों को मंथन करना चाहिए। जिस बाजार ने कानपुर को ऊंचाई पर ...
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