कानपुर, फरवरी 28 -- गंगा किनारे बसे कानपुर को औद्योगिक नगरी का दर्जा दिलाने में किराना कारोबार की अहम भूमिका रही है। कभी नेपाल तक अपनी धाक जमाने वाला यह कारोबार अस्तित्व बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहा है । समय-समय पर मंडी शुल्क, जीएसटी और न जाने कितने नियमों का भार इस कारोबार पर बढ़ता चला गया। रही सही कसर ऑनलाइन कारोबार ने पूरी कर दी। ग्राहकों को घर बैठे सामान मिलने की सुविधा ने किराना कारोबार को संकट के मुहाने पर खड़ा कर दिया। बाजार के ऊपर अंगारे बरसाते तार से व्यापारी असुरक्षित महसूस करते हैं। अब इस कारोबार को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान से बातचीत के दौरान इस कारोबार से जुड़ा हर शख्स बस यही कह रहा कि उजड़ रहे इस किराना कारोबार को अब बचा लीजिए... सौ साल पहले शहर के नयागंज में बसे थोक किराना कारोबार ने शहर...