भागलपुर, जून 29 -- प्रस्तुति: ओमप्रकाश अम्बुज, मणिकांत रमण हर साल कटिहार के हजारों छात्र-छात्राएं तकनीकी शिक्षा का सपना लिए पॉलिटेक्निक कॉलेज की सीमित सीटों के आगे हार मान लेते हैं। किसी के पास आर्थिक मजबूरी है, तो किसी के सामने दूरी की दीवार। प्रतिभा होते हुए भी अवसरों का अभाव उन्हें पीछे धकेल देता है। ऐसे में यदि अनुमंडल स्तर पर पॉलिटेक्निक कॉलेज खुलते हैं तो यह न सिर्फ बच्चों के भविष्य को नई राह देगा, बल्कि कटिहार के गांव-गांव तक हुनर और आत्मनिर्भरता की रोशनी भी पहुंचेगी। अब समय है सपनों को पंख देने का, तकनीकी शिक्षा को घर के दरवाजे तक लाने का। यह बातें हिन्दुस्तान के बोले कटिहार संवाद में उभर कर सामने आईं। कटिहार जिले के हजारों छात्र-छात्राएं हर साल एक बेहतर तकनीकी शिक्षा का सपना लेकर घर से निकलते हैं, लेकिन सीमित सीटें और संसाधनों की...