भागलपुर, जून 8 -- प्रस्तुति: ओमप्रकाश अम्बुज, मणिकांत रमण बिहार के कटिहार जिले में आज भी 12 प्रखंड ऐसे हैं जहां एक भी डिग्री कॉलेज नहीं है। आजादी के 75 साल बाद भी इन इलाकों के ग्रामीण छात्र-छात्राओं, खासकर बेटियों के लिए उच्च शिक्षा एक दूर का सपना बना हुआ है। इंटरमीडिएट के बाद आगे की पढ़ाई के लिए उन्हें 25-30 किलोमीटर दूर शहर जाना पड़ता है, जो हर परिवार के लिए संभव नहीं। परिवहन, सुरक्षा और खर्च की चिंता से अभिभावक बेटियों को आगे पढ़ने नहीं भेजते। इससे न केवल उनकी पढ़ाई रुक जाती है बल्कि कई बार कम उम्र में उनकी शादी भी कर दी जाती है। इसस उनकी जिंदगी खतरे में पड़ जाती है। यह बातें हिन्दुस्तान के बोले कटिहार के संवाद में छात्राओं ने कहीं। कटिहार जिले के कुरसेला, समेली, फलका, कोढ़ा, हसनगंज, डंडखोरा, मनसाही, अमदाबाद, बारसोई, बलरामपुर, कदवा और ...