औरंगाबाद, मई 28 -- आधुनिक युग में खेती-बारी परंपरागत तरीकों तक सीमित नहीं रही। मशीनीकरण और आधुनिक कृषि यंत्रों ने खेती को नई दिशा दी है, जिसमें ट्रैक्टर की भूमिका सबसे अहम है। ट्रैक्टर न केवल खेतों की जुताई, बुवाई, कटाई, थ्रेसिंग और माल ढुलाई जैसे कार्यों को आसान बनाता है, बल्कि यह किसानों के लिए समय और श्रम की बचत का एक अनिवार्य साधन बन चुका है। लेकिन इस प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण कड़ी, यानी ट्रैक्टर चालक, आज भी उपेक्षा और कई गंभीर समस्याओं का शिकार हैं। ये मेहनतकश लोग, जो दिन-रात खेतों में मेहनत करते हैं, न तो समाज का उचित सम्मान पाते हैं और न ही प्रशासन का ध्यान। उनकी समस्याएं न केवल उनकी व्यक्तिगत जिंदगी को प्रभावित करती हैं, बल्कि पूरे कृषि क्षेत्र की स्थिरता पर भी सवाल उठाती हैं। ट्रैक्टर चालकों की सबसे बड़ी समस्या उनकी अत्यंत कम...