एटा, फरवरी 14 -- स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं की नजर सरकार की ओर है। किसी समूह की महिलाएं चूड़ी का काम रहीं हैं तो कोई झाडू, चिप्स पापड़ के अलावा टॉयलेट से जुड़े हुए उत्पाद तैयार करने में लगी हैं। इन शहरी 400 समूहों के संगठनों को मार्केटिंग करने में सबसे अधिक परेशानी हो रही है। महिलाएं उत्पाद बनाने के बाद सही से बाजार में बेच नहीं पा रही हैं। अधिकांश महिलाओं की सरकार से मांग है कि समूहों में जो उत्पाद बनाए जा रहे हैं, उनकी आपूर्ति सरकारी कार्यालय में दी जाए। अगर सरकारी कार्यालयों में यह उत्पाद जाएंगे तो समूहों को अधिक लाभ होगा। उन्होंने कहा कि हम मेहनत करने में कभी भी पीछे नहीं है। शहर में 400 से अधिक समूह काम कर रहे हरी क्षेत्र में संचालित हो रहे समूहों में चार हजार से अधिक महिलाएं काम काम कर रही हैं। समूह के माध्यम से कारोबार करने क...
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