एटा, जून 3 -- हर वर्ष मनाए जाने वाला पर्यावरण दिवस सिर्फ दिखावा होकर रह गया। विशेष दिन पर तमाम लोग फोटो खिंचकर सोशल मीडिया के सहारे पर्यावरण बचाने के लिए काम करते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत ये है कि एटा की हरियाली मात्र दो फीसदी भी नहीं है। हर वर्ष जो पौधरोपण किया जाता है वो एक माह में ही खत्म हो जाता है। यानी पोधे मर जाते हैं, क्योंकि उनकी देखभाल नहीं हो पाती। हिन्दुस्तान के बोले एटा संवाद के दौरान पर्यावरण के लिए काम करने वाले लोगों ने शिरकत की। कहा कि पर्यावरण के लिए प्लास्टिक भी एक नासूर है, जिसे खत्म किया जाए। पिछले एक दशक से पौधारोपण कर जिले में रिकार्ड कायम किया जा रहा है। पौधारोपण के समय तो हर कोई दिखाई देता है कि यह पौधा लगा रहे है। जिस पौधे को लगाया है उसकी हश्र क्या है इसे देखने के लिए कोई नहीं जाता है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सर...