उन्नाव, फरवरी 22 -- घर हो या फिर बाहर पाइपलाइन बिछाकर हम सबको व्यवस्थित ढंग से पानी उपलब्ध कराने और जलनिकाली को बेहतर बनाने वाले प्लंबर की जरूरत सभी को है। मगर, उनकी जरूरतों और मुश्किलों के निवारण का निराकरण करने वाला कोई नहीं है। दुश्वारियों के बीच वह घिसट रहे हैं। बढ़ती टेक्नोलॉजी ने उनके लिए रोजगार के संकट खड़े कर दिए हैं। हर रोज पारिश्रमिक भी नसीब नहीं हो पा रहा है। रोडवेज बस अड्डे के पास हार्डवेयर की एक दुकान पर प्लंबरों ने आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान से अपनी पीड़ा साझा की। सभी ने एकसुर में कहा कि यदि उनको निश्चित ठौर मुहैया करा दिया जाए तो कमीशनबाजी का खेल खत्म हो जाएगा। सरकारी दफ्तरों, इमारतों, संस्थानों और घरों की छतों पर टंकी लगाकर पानी सप्लाई की व्यवस्था प्लंबर ही करते हैं। इसके अलावा पानी की सुगम निकासी, लीकेज आदि को दुरुस्त करने...